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'पाकिस्तान इसका सबसे बड़ा दुश्मन है': पूर्व कोच मिकी आर्थर ने जेसन गिलेस्पी को 'क्लाउन' जैब के बाद आकीब जावेद | क्रिकेट समाचार


'पाकिस्तान इसका सबसे बड़ा दुश्मन है': पूर्व कोच मिकी आर्थर ने जेसन गिलेस्पी को 'क्लाउन' जैब के बाद आकीब जावेद पर वापस कर दिया
मिकी आर्थर (गैरेथ कोपले/गेटी इमेज द्वारा फोटो)

नई दिल्ली: पाकिस्तान क्रिकेट एक बार फिर खुद को विवाद और अराजकता के बीच में पाया है चैंपियंस ट्रॉफी 2025 – एक टूर्नामेंट जो वे 29 वर्षों के बाद घर की मिट्टी पर होस्ट कर रहे थे।
निराशा ने न केवल प्रशंसक नाराजगी को ट्रिगर किया है, बल्कि पिछले और वर्तमान कोचिंग के आंकड़ों के बीच गहरे विभाजन को भी उजागर किया है।
मिकी आर्थरजिन्होंने अपने अधिक सफल व्हाइट-बॉल चरणों में से एक के दौरान पाकिस्तान का नेतृत्व किया, उनकी आलोचना में क्रूरता से ईमानदार थे। टॉकस्पोर्ट से बात करते हुए, आर्थर ने कहा, “मुझे यह उद्धरण बहुत पसंद है, क्रूरता से ईमानदार होना। जेसन गिलेस्पी एक अद्भुत कोच, अद्भुत आदमी है। पाकिस्तान क्रिकेट सिर्फ पैर में खुद को शूट करना जारी रखता है। यह इसका सबसे बड़ा दुश्मन है। ”
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आर्थर का मानना ​​है कि पाकिस्तान ने क्रमशः रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल स्क्वाड को पतवार देने के लिए जेसन गिलेस्पी और गैरी कर्स्टन को नियुक्त करके सही कदम उठाए थे।
हालांकि, उन्होंने चल रही अस्थिरता पर खेद व्यक्त किया जो सिस्टम को प्लेग करना जारी रखता है। “बहुत सारे अच्छे खिलाड़ी हैं; उन्हें अब संसाधन मिल गए हैं; बहुत युवा प्रतिभा है। उनके पास अविश्वसनीय कौशल है। और फिर भी, यह अभी भी इतना अराजक है। यह देखने में वास्तव में निराशाजनक है। ”

चैंपियंस रिटर्न: रोहित, हार्डिक, श्रेस, गंभीर ने भारत के शीर्षक ट्रायम्फ के बाद वापसी की

आकीब जावेद की टिप्पणियों के लिए एक तेज खंडन में पाकिस्तान के हालिया संघर्षों को “बहुत सारे बदलाव” पर दोषी ठहराया, गिलेस्पी ने नए नियुक्त कोच पर “उन्हें कमजोर” करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और यहां तक ​​कि जावेद को “जोकर” कहा।
आर्थर ने उन चिंताओं को प्रतिध्वनित किया, जो पाकिस्तान की क्रिकेट संरचना में गहरे मुद्दों की ओर इशारा करते हैं। “उन्हें कुछ अच्छे कोच मिले थे जो उन्हें आगे ले जा सकते थे। लेकिन फिर वह मशीन जो पाकिस्तान में काम करती है, वह सिर्फ कम होती रहती है, और एजेंडा मीडिया में संचालित होती है, ”उन्होंने कहा।
यह भी देखें: जेसन गिलेस्पी ने पाकिस्तान के आकीब जावेद को 'क्लाउन' कहा
“यह वहाँ एक जंगल है और मुझे गैरी और जेसन के लिए सख्त खेद है। मेरे दिमाग में कोई संदेह नहीं है कि वे कम हो गए थे … यह खिलाड़ियों की बाधा और अंततः पाकिस्तान क्रिकेट के लिए बाधा है। “
जो एक प्रमुख शेक-अप की तरह लगता है, दोनों बाबर आज़म और मोहम्मद रिजवान को न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी पांच-मैच टी 20 आई श्रृंखला से हटा दिया गया है।





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पीएम कप क्रिकेटमा आज तीन खेल हुँदै – Online Khabar


२९ फागुन, काठमाडौं । लुम्बिनी प्रदेशमा जारी प्रधानमन्त्री कप पुरूष राष्ट्रिय क्रिकेट प्रतियोगितामा आज तीन खेलहरू हुँदैछन् ।

सिदार्थ रंगशालामा गण्डकी प्रदेश र लुम्बिनी प्रदेशबीच खेल हुनेछ । एक्स्ट्राटेक ओभल मैदानमा त्रिभुवन आर्मी क्लब र कर्णाली प्रदेश खेल्ने छन् भने देउखुरी क्रिकेट रंगशालामा एपीएफ र मधेश प्रदेशबीच खेल हुनेछ ।

सबै खेलहरू विहान ९ बजेदेखि सुरु हुनेछन् । गण्डकी प्रदेशले पहिलो खेलमा सुदूरपश्चिम प्रदेशसँग हार व्यहोरेको थियो भने दोस्रो खेलमा कर्णाली प्रदेशलाई हराएको थियो । लुम्बिनीले पहिलो खेलमा कोशीलाई हराउँदा दोस्रो खेलमा नेपाल पुलिससँग पराजित भएको थियो ।

त्यस्तै त्रिभुवन आर्मीले पहिलो खेलमा बागमती प्रदेशलाई र दोस्रो खेलमा सुदूरपश्चिमलाई हराएको थियो । कर्णालीले पहिलो खेलमा सुदूरलाई हराउँदा गण्डकीसँग पराजित भएको थियो ।

एपीएफले पहिलो खेलमा बागमती प्रदेशलाई हराएको थियो । मधेशले पहिलो खेलमा कोशीलाई हराएको थियो ।

अंकतालिकामा आर्मी र पुलिस समान ४ अंकसहित शीर्ष २ मा छन् भने एपीएफ र मधेश समान २ अंकसहित तेस्रो र चौथो स्थानमा छन् ।

२ अंक नै भएका कर्णाली, लुम्बिनी, सुदूरपश्चिम र गण्डकी क्रमश: पाँचौं, छैंटौं, सातौं र आठौंमा छ्न् । अंकविहीन बागमती र कोशी नवौं र १०औं स्थानमा छन् ।





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नोट छाप्न राष्ट्र बैंकको छनोटमा परे ६ विदेशी कम्पनी 


काठमाडौँ । नेपाल राष्ट्र बैंकले नोट छाप्नका लागि ६ कम्पनी छनोट गरेको छ । राष्ट्रले चलनचल्तीका नोट छाप्न पहिलो चरणमा ६ कम्पनी छनोट गरेको हो ।

राष्ट्र बैंकको छनोटमा पर्नेमा चीनको चाइना बैंक नोट प्रिन्टिङ एण्ड मिन्टिङ कर्पोरेशन, बेलायतको डि लारुउ इन्टरनेशनल, जर्मनको गिसिक डेभ्रियन्ट करेन्सी टेक्नोलोजी, रसियाको जोइन्ट स्टक कम्पनी, फ्रान्सको अबरथर फिड्युसरी र पोल्याण्डको पोलिस सेक्युरिटिज प्रिन्टिङ रहेका छन् ।

छनोटमा परेको यी कम्पनीहरुले आगामी दुई वर्षसम्म हरेक पटकको छपाइको बोलकबोल प्रक्रियामा प्रतिस्पर्धा गर्न सक्नेछन् । दुई दुई वर्षमा जुनजुन नोट छाप्नुपर्ने हुन्छ, त्यसका लागि राष्ट्र बैंकले टेन्डर आह्वान गर्छ । 

यस्तो टेन्डर प्रक्रियामा छनोटमा परेको यी ६ वटै कम्पनीले भाग लिन पाउनेछन् । टेन्डरमा सबैभन्दा कम रकममा नोट छाप्न तयार हुने कम्पनीले नोट छाप्ने टेन्डर पाउनेछ । हाल नेपाली बजारमा ६ खर्ब ४० अर्ब बराबरका नोट चलनचल्तीमा रहेका छन् ।



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Could Keir Starmer’s regulation shake-up mean a ‘bonfire of the quangos’?


Becky Morton

Political reporter

EPA

Sir Keir Starmer will pledge to slash the costs of regulation with an “active government” in a speech later.

He will take aim at a “cottage industry of checkers and blockers slowing down delivery for working people”, as he argues the state has become bigger but weaker.

New AI and tech teams will be sent into public sector departments to drive improvements in efficiencies.

It comes after Sir Keir told his ministers they should take more responsibility for decisions, rather than “outsourcing” them to regulators.

A push to reduce the role of quangos – or non-governmental bodies – is expected to be part of the prime minister’s plan.

Incoming governments have often sought to cut the number of quangos – but what are they and what do they do?

What is a quango?

Quango stands for Quasi-Autonomous Non-Governmental Organisation but the government calls them “arm’s length bodies”. They are organisations funded by taxpayers but not directly controlled by central government, such as regulators, cultural institutions and advisory bodies.

They range from huge organisations like NHS England and HMRC, to smaller bodies like the Gambling Commission and the British Film Institute.

How many quangos are there?

The number of quangos has fallen by more than half since 2010 but there are still more than 300 across the UK.

Under the Conservative-Liberal Democrat coalition nearly 300 were axed – dubbed the “bonfire of the quangos” – in an attempt to improve accountability and cut costs.

Despite Sir Keir indicating he would also like to reduce the role of quangos, the new Labour government has set up more than 20 since winning power.

These include Great British Energy, which will invest in renewable energy to help meet the government’s clean power goals, and the Border Security Command, which aims to tackle small boat crossings.

Asked earlier this week if the government was planning another “bonfire of the quangos”, Downing Street said the PM wanted to see a more “active and agile state”, rather than “outsourcing” decisions to other bodies.

Getty Images

Nearly 300 quangos were abolished under David Cameron and Nick Clegg’s coalition government

How much do they cost?

Almost 60% of day-to-day government spending is channelled through quangos, with 90% of this going to the largest 10 bodies.

The total budget for quangos in 2022/23 – the latest published figures – was £353.3bn.

Why are they controversial?

Campaign groups like the TaxPayers’ Alliance have long criticised quangos, claiming they allow ministers to dodge responsibility for mistakes and can be inefficient and costly.

The Institute for Government think tank says in some cases scrapping public bodies can save money and improve how services are delivered.

It gives the example of how merging JobCentre Plus into the Department for Work and Pensions helped cut the department’s workforce and office space by a third.

But the think tank argues abolitions also cost money and time in the short term, with services disrupted when powers are transferred.

Moving activities into departments, while improving accountability, can also dilute expert knowledge.



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4 मर्सिडीज के रूप में मर्सिडीज के रूप में मृत, देहरादुन रोड पर कहर बरपाती है, ड्राइवर फ्लेस | देहरादुन न्यूज


4 मर्सिडीज के रूप में मृत मर्सिडीज ने देहरादुन रोड पर कहर बरपाया, चालक उड़ता है

DEHRADUN: बुधवार रात को देहरादुन के राजपुर रोड पर साईं बाबा मंदिर के पास मर्सिडीज को तेज करने के बाद चार लोग मारे गए और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस ने कहा कि कार चंडीगढ़ पंजीकरण संख्या के साथ एक सिल्वर मर्सिडीज थी। चालक दुर्घटना के बाद दृश्य भाग गया, और अधिकारी वर्तमान में प्रत्यक्षदर्शी खातों के आधार पर उसकी तलाश कर रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीओआई को बताया, “दो पीड़ितों की पहचान अयोध्या के दोनों मजदूरों के रूप में मांशा राम (30) और रंजीत (35) के रूप में की गई है, जबकि दूसरों की पहचान अभी भी सत्यापित की जा रही है।”
पुलिस अधिकारियों के अनुसार घायलों को एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और वर्तमान में स्थिर हैं, उपचार प्राप्त कर रहे हैं।
देहरादुन एसएसपी अजय सिंह ने एनी को बताया, “यह घटना ओल्ड म्यूसोरी रोड पर रात 8 बजे हुई। एक तेजी से वाहन, एक मर्सिडीज होने का संदेह था, कई लोगों को मारा गया, जिसके परिणामस्वरूप चार घातक हुए।
उन्होंने कहा, “हमने मामले से जुड़े 11-12 वाहनों की पहचान की है और चालक का पता लगाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।”





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फागुपूर्णिमालगायत पर्वले आपसी सदभाव र राष्ट्रिय प्रेमलाई अझ प्रगाढ बनाउँछ : पूर्वराष्ट्रपति भण्डारी


पूर्वराष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारीले देशविदेशमा रहेका नेपालीप्रति फागुपूर्णिमाको हार्दिक शुभकामना व्यक्त गरेकी छन्।

सामाजिक सञ्जाल एक्सबाट शुभकामना व्यक्त गर्दै उनले फागुपूर्णिमालगायत पर्वबाट आपसी सदभाव र राष्ट्रिय प्रेमलाई अझ प्रगाढ बनाउने बताएका छन्।  

‘वसन्त ऋतुको मौसममा मनाइने रङहरुको पर्व फागुपूर्णिमा (होली)को अवसरमा देश तथा विदेशमा रहनुभएका सम्पूर्ण नेपाली दिदीबहिनी तथा दाजुभाइहरुलाई हार्दिक मङ्गलय शुभकामना बच्चादेखि वृद्ध हरेक उमेर समूहले हर्षोल्लासका साथ मनाउने यो पर्वले सबैको जीवनमा आनन्द र खुसीको रङ भर्दै आपसी सद्भाव र राष्ट्रिय प्रेमलाई अझै प्रगाढ बनाउनेछ भन्ने मेरो विश्वास छ,’ एक्समा उनले लेखेकी छन्।

प्रकाशित: २९ फाल्गुन २०८१ ०८:०८ बिहीबार





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भन्सार जाँचपासपछि अनुसन्धानका नाममा व्यवसायीलाई दुःख नदिन सांसदहरुको माग


काठमाडौँ । सांसदहरुले भन्सार जाँचपासपछि अनुसन्धानका नाममा व्यवसायीहरुलाई दुःख नदिन माग गरेका छन् । बुधबार अर्थ समितिको बैठकमा भन्सार विधेयकमाथिको छलफलमा भाग लिँदै सांसदहरुले अनुसन्धानका नाममा मालबाहक गाडीहरुलाई दुःख नदिन माग गरेका हुन् । 

सांसदहरुले अनुसन्धानका नाममा मालबाहक गाडीलाई गन्तव्यसम्म जान नदिने प्रवृत्तिको अन्त्य हुनुपर्नेमा जोड दिएका छन् । 

एमाले सांसद सूर्यबहादुर थापा क्षेत्रीले सरकारी संयन्त्रहरु अनुसन्धानका लागि नियन्त्रणमा लिएमा २४ घण्टा भित्रै त्यसको जानकारी भन्सार विभागलाई दिनुपर्ने हालको प्रस्तावित व्यवस्थामा असहमति राखेका छन् । उनले भन्सार जाँचपासपछि मालवाहक गाडीहरुलाई निर्वाध रुपमा गन्तव्य ठाउँसम्म पुग्न दिनुपर्ने बताएका छन् । बाटोघाटोमा दुःख दिने काम गर्न नहुने भन्दै त्यसका लागि कानूनी प्रबन्ध गर्नुपर्नेमा उनले जोड दिएका छन् । 

त्यस्तै, बैठकमा राजश्व सचिव दिनेश घिमिरेले राजस्व नोक्सानी समेत नहुने गरी व्यवसायीक वातावरण बनाउनुपर्ने जोड दिएका छन् । यता भन्सार विभागका महानिर्देशक महेश भट्टराईले अनुसन्धान गर्नुपर्ने भएमा अनुसन्धान गर्ने अधिकार प्राप्त निकाय भन्सार कार्यालय वा राजस्व अनुसन्धानले पक्राउ गरेमा २४ घण्टाभित्र महानिर्देशकलाई जानकारी दिने व्यवस्था राखिएको उल्लेख गरेका छन् । 

त्यस्तै, नेपाली काँग्रेसका सांसद डा. प्रकाशशरण महतले जाँचपासका नाममा समेत विभिन्न दुःख दिने काम भएको बताएका छन् । जाँचपास गर्दा जुनसुकै सिलबन्दी गरिएका वस्तुलाई पनि कब्जा गरेर नियन्त्रण लिनेबारे ख्याल गरिनुपर्ने उनले बताएका छन् । बुधवारको अर्थसमिति बैठकले भन्सार विधेयकमा रहेको अस्थायी निकासी गर्न दिइने बारेका व्यवस्थालाई अनुमोदन गरेको छ । योसँगै कुनै वस्तुको कच्चा पदार्थ प्रशोधन वा सोबाट कुनै वस्तु उत्पादन वा निर्माण गर्नको लागि वा कुनै वस्तु मर्मतको लागि वा अन्य कुनै उद्देश्यको लागि नगद धरौटी वा बैंक जमानत लिई अस्थायी निकासी गर्न कानून अनुसार भन्सार अधिकृतले अनुमति दिन सक्नेछन् । भन्सार विधेयकमा रहेको पैठारी गरिएको वस्तुमा खराबी देखिएको, जुन उद्देश्यका लागि पैठारी गरिएको हो परिपूर्ति हुन नसकेमा त्यस्तो वस्तु भन्सार अधिकृतले फिर्ता पठाउन सक्ने प्रावधानलाई समेत समितिले पारित गरेको छ ।



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Arrest warrant issued for member of Lighthouse cult exposed by BBC


An arrest warrant has been issued for a senior member of Lighthouse, the life-coaching group which was the subject of the BBC podcast series, A Very British Cult.

The warrant was issued for Shaun Cooper, a director of the group’s business entity Lighthouse International Group Holdings Trading LLP, for failing to attend court.

Cooper is the first senior member of the group that the authorities have taken this kind of action against.

Lighthouse began as a life coaching organisation founded by a man called Paul Waugh. But a BBC investigation exposed it as an organisation that ruined the lives of its members and tried to silence any critics.

In the two years since the BBC published its investigation, several people have left the group and are rebuilding their lives. But a small, committed group of members – now calling themselves Lighthouse Global Media – remain devoted to Paul Waugh. They deny that Lighthouse is a cult.

Following a separate investigation into Lighthouse conducted by the Insolvency Service, the High Court in London shut down the business entity “in the public interest” in March 2023, on the grounds that it had filed false or misleading accounts and not cooperated with the investigation.

The Insolvency Service investigation established that, between August 2014 and July 2022, the group received more than £2.4m income – even though it had not declared any assets or income.

Since then, the High Court has requested that all four company directors – Paul Waugh, Chris Nash, Shaun Cooper and Warren Vaughan – cooperate with the Official Receiver’s ongoing efforts to identify any assets to pay those owed money by Lighthouse.

Paul Waugh, the leader, moved to South Africa shortly after the company was shut down, along with Chris Nash. Both Waugh and Nash have failed to comply with a November 2024 court order to turn over Lighthouse’s financial records. According to Lighthouse’s letters to the court, this is because both are suffering from Post-Traumatic Stress Disorder (PTSD).

According to Daniel Curthoys, in court for the Official Receiver, Shaun Cooper had also failed to turn up for any of the numerous interviews arranged by investigators.

At a hearing on the 25 February 2025, the court was told, in a letter from Cooper’s Lighthouse colleagues, that he was suffering from depression and anxiety, and had left the country. The letter was accompanied by heavily-redacted medical notes.

Insolvency and Companies Court Judge Sebastian Prentis said Lighthouse’s letter was “a very long way short” of explaining why Cooper had failed to appear or provide any information to the two-year investigation into Lighthouse.

Granting the application for an arrest warrant, he noted that despite the claims made in Lighthouse’s letter, Cooper was apparently well enough to leave Britain. Cooper’s whereabouts are currently unknown.

Of the four former directors, only Warren Vaughan has so far cooperated. At an earlier court hearing, he told the investigators he had left Lighthouse.

In response to the investigation by the Insolvency Service, Lighthouse set up a website criticising the service, accusing it of “bullying” the group.

The site says that “Lighthouse refuses to comply with the Insolvency Service’s demands, beyond the bear [sic] minimum necessary, on the basis that any ‘investigation’ has been falsely triggered by malicious and vindictive individuals and is thereby corrupt and invalid.”



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'इट्स अप टू रूस नाउ': यूएस टीम ने यूक्रेन संघर्ष विराम वार्ता के लिए मास्को का नेतृत्व किया


'इट्स अप टू रूस नाउ': यूएस टीम ने यूक्रेन संघर्ष विराम वार्ता के लिए मास्को का नेतृत्व किया
डोनाल्ड ट्रम्प और व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को घोषणा की कि वार्ताकार 30-दिवसीय ट्रूस के लिए कीव के समझौते के बाद यूक्रेन में एक संघर्ष विराम हासिल करने पर बातचीत के लिए रूस के लिए मार्ग हैं।
ट्रम्प ने ओवल ऑफिस में आयरलैंड के प्रधानमंत्री के साथ एक बैठक के दौरान कहा, “लोग अभी रूस जा रहे हैं। जैसा कि हम बोलते हैं। और उम्मीद है, हम रूस से एक संघर्ष विराम प्राप्त कर सकते हैं।”
जबकि ट्रम्प ने विस्तृत नहीं किया, व्हाइट हाउस ने बाद में पुष्टि की कि विशेष दूत स्टीव विटकोफ इस सप्ताह के अंत में मॉस्को की यात्रा करने के लिए निर्धारित हैं।
यूक्रेन ने मंगलवार को सऊदी अरब में वार्ता के दौरान यूएस-समर्थित संघर्ष विराम प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की, हालांकि राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की रूस की प्रतिबद्धता पर संदेह करते हैं।

राष्ट्रपति ट्रम्प का कहना है कि यूक्रेन के साथ संघर्ष विराम का प्रस्ताव 'अब रूस तक' है

इस बीच, क्रेमलिन ने कहा कि यह योजना पर वाशिंगटन से आगे के विवरण का इंतजार कर रहा है।
ट्रम्प ने यह निर्दिष्ट करने से इनकार कर दिया कि जब वह अगली बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बात करेंगे, लेकिन एक संघर्ष विराम की उम्मीद व्यक्त की। “यह अब रूस पर निर्भर है,” उन्होंने कहा। “मैंने कुछ सकारात्मक संदेश प्राप्त किए हैं, लेकिन एक सकारात्मक संदेश का मतलब कुछ भी नहीं है। यह एक बहुत ही गंभीर स्थिति है, यह विश्व युद्ध तीन शुरू कर सकता है। ”

अमेरिकी संघर्ष विराम प्रस्ताव के लिए रूस का समझौता कितना संभावना है? | डीडब्ल्यू समाचार

अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि यदि रूस सहयोग करने से इनकार करता है, तो वह “विनाशकारी” वित्तीय प्रतिबंधों को लागू कर सकता है लेकिन कूटनीति के लिए अपनी प्राथमिकता पर जोर दिया। “मैं ऐसा नहीं करना चाहता क्योंकि मैं शांति प्राप्त करना चाहता हूं,” उन्होंने कहा।
रूस के लिए ट्रम्प का दृष्टिकोण यूक्रेन पर अपने हालिया रुख के साथ तेजी से विपरीत है। उन्होंने ओवल ऑफिस में ज़ेलेंस्की के साथ एक विवादास्पद टेलीविज़न तर्क के बाद 28 फरवरी को कीव को अचानक सैन्य सहायता रोक दी थी। वाशिंगटन ने मंगलवार को यूक्रेन के ट्रूस और यूक्रेनी प्राकृतिक संसाधनों के लिए अमेरिकी तरजीही पहुंच प्रदान करने के लिए एक सौदा करने के बाद मंगलवार को सहायता फिर से शुरू की।
बोर्ड पर कीव के साथ, वाशिंगटन अब मास्को की मंजूरी हासिल करने पर केंद्रित है। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पुष्टि की कि अगले दो दिनों में अमेरिका और रूसी अधिकारियों के बीच उच्च-स्तरीय चर्चा हो रही है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव करोलिन लेविट ने कहा कि विटकॉफ- एक पूर्व-प्रॉपर्टी डेवलपर जिसने यूक्रेन और गाजा दोनों के लिए संघर्ष विराम वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है-जल्द ही मॉस्को का दौरा करने के लिए तैयार है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने भी बुधवार को अपने रूसी समकक्ष के साथ बात की।
“हम रूसियों से इस योजना पर हस्ताक्षर करने का आग्रह करते हैं,” लेविट ने कहा, यह कहते हुए कि बातचीत अंतिम चरण में है। “हम 10 वीं यार्ड लाइन पर हैं, और राष्ट्रपति को उम्मीद है कि रूसियों को हमें इसे अंतिम क्षेत्र में चलाने में मदद मिलेगी।”





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यस्तो छ आजको तरकारी र फलफूलको थोक मूल्य (तुलनात्मक मूल्यसूची)


२९ फागुन, काठमाडौं । कालीमाटी फलफूल तथा तरकारी बजार विकास समितिले आजका लागि कृषि उपजहरूको थोक मूल्य निर्धारण गरेको छ ।

समितिका अनुसार तरकारी र फलफूलको अधिकतम थोक मूल्य निर्धारण गरिएको हो । आज गोलभेँडा ठूलो (नेपाली) प्रतिकिलो २५, गोलभेँडा ठूलो (भारतीय) प्रतिकिलो ५०, गोलभेँडा सानो (तराई) प्रतिकिलो २२, आलु रातो प्रतिकिलो ३५, प्याज सुकेको (भारतीय) प्रतिकिलो ६२, गाजर (लोकल) प्रतिकिलो ४०, गाजर (तराई) प्रतिकिलो २५ रुपैयाँ रहेको छ ।

बन्दा (लोकल) प्रतिकिलो १२, बन्दा (नरिवल) प्रतिकिलो १५, काउली (स्थानीय) प्रतिकिलो २०, स्थानीय काउली (ज्यापु) प्रतिकिलो २०, मूला रातो प्रतिकिलो ४०, मूला सेतो (लोकल) प्रतिकिलो १५, सेतो मूला (हाइब्रिड) प्रतिकिलो २०, भन्टा लाम्चो प्रतिकिलो ५० तथा भन्टा डल्लो प्रतिकिलो ६० कायम गरिएको छ ।

यसैगरी, मटरकोसा प्रतिकिलो ५०, घिउ सिमी (लोकल) प्रतिकिलो ४०, घिउ सिमी (हाइब्रिड) प्रतिकिलो ४०, घिउ सिमी (राजमा) प्रतिकिलो ९०, टाटे सिमी प्रतिकिलो ७०, तिते करेला प्रतिकिलो १२०, लौका प्रतिकिलो ५० तोकिएको छ ।

परबर (लोकल) प्रतिकिलो ११०, परबर (तराई) प्रतिकिलो १७०, घिरौला प्रतिकिलो ७०, झिगुनी प्रतिकिलो ८०, फर्सी पाकेको प्रतिकिलो ५०, फर्सी हरियो (लाम्चो) प्रतिकिलो १५, हरियो फर्सी (डल्लो) प्रतिकिलो १५ तथा भिण्डी प्रतिकिलो ११० कायम गरिएको छ ।

यस्तै, सखरखण्ड प्रतिकिलो ७०, बरेला प्रतिकिलो ४०, पिँडालु प्रतिकिलो १००, स्कूस प्रतिकिलो ४०, रायो साग प्रतिकिलो ४०, पालुङ्गो साग प्रतिकिलो ६०, चमसुरको साग ८०, तोरीको साग प्रतिकिलो ४०, मेथीको साग प्रतिकिलो ६०, प्याज हरियो प्रतिकिलो ३०, बकुला प्रतिकिलो ५०, तरुल प्रतिकिलो ९०, च्याउ (कन्य) प्रतिकिलो १२०, च्याउ (डल्ले) प्रतिकिलो ३५० निर्धारण गरिएको छ ।

ब्रोकाउली प्रतिकिलो ४०, चुकुन्दर प्रतिकिलो ६०, सजीवन प्रतिकिलो १६०, कोइराला प्रतिकेजी ४००, रातो बन्दा प्रतिकिलो ५०, जिरीको साग प्रतिकिलो ५०, सेलरी प्रतिकिलो १५०, सौफको साग प्रतिकिलो ८०, पार्सले प्रतिकिलो ३००, पुदिना प्रतिकिलो ३००, गान्टे मूला प्रतिकिलो ६०, इमली प्रतिकिलो १६०, तामा प्रतिकिलो १००, तोफु प्रतिकिलो १२० र गुन्द्रुक प्रतिकिलो ३५० तोकेको छ ।

समितिले स्याउ (झोले) प्रतिकिलो २५०, स्याउ (फूजी) प्रतिकिलो ३५०, केरा (दर्जन) १५०, कागती प्रतिकिलो २५०, अनार प्रतिकिलो ३५०, अङ्गुर (हरियो) प्रतिकिलो २००, अङ्गुर (कालो) प्रतिकिलो २५०, सुन्तला (भारतीय) प्रतिकिलो १२०, मौसम प्रतिकिलो २००, जुनार प्रतिकिलो १५० रहेको छ ।

काँक्रो (लोकल) प्रतिकिलो ६०, काँक्रो (हाइब्रिड) प्रतिकिलो ४०,ख कटहर प्रतिकिलो १३०, निबुवा प्रतिकिलो ७०, नासपाती (चाइनिज) प्रतिकिलो २५०, मेवा (नेपाली) प्रतिकिलो ५०, मेवा (भारतीय) प्रतिकिलो ११०, लप्सी प्रतिकिलो १००, खरबुजा प्रतिकिलो ४५, किबी प्रतिकिलो ४००, अमला प्रतिकिलो १२० निर्धारण गरिएको छ ।

यसैगरी, अदुवा प्रतिकिलो १००, खुर्सानी सुकेको प्रतिकिलो ३२५, खुर्सानी हरियो प्रतिकिलो ११०, खुर्सानी हरियो (बुलेट) प्रतिकिलो ११०, भेडे खुर्सानी प्रतिकिलो ९०, लसुन हरियो प्रतिकिलो ५०, हरियो धनिया प्रतिकिलो ३०, लसुन सुकेको चाइनिज प्रतिकिलो २८०, लसुन सुकेको नेपाली प्रतिकिलो २३० कायम भएको छ ।

छ्यापी सुकेको प्रतिकिलो १६०, छ्यापी हरियो प्रतिकिलो ७०, ताजा माछा (रहु) प्रतिकिलो ३२०, ताजा माछा (बचुवा) प्रतिकिलो २६०, ताजा माछा (छडी) प्रतिकिलो २४०,ख टमाटर प्रतिकिलो १८०, राजा च्याउ प्रतिकिलो ३०० र सिताके च्याउ प्रतिकिलो ८०० तोकेको छ ।
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कृषि उपज फागुन २८ गते फागुन २९ गते फरक %
गोलभेडा ठूलो(नेपाली) (के.जी.) रू २२.३३ रू २२.३३  ०.००%
गोलभेडा ठूलो(भारतीय) (केजी) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
गोलभेडा सानो(तराई) (के जी) रू १८.०० रू १८.००  ०.००%
आलु रातो (के.जी.) रू ३२.६७ रू ३२.६७  ०.००%
प्याज सुकेको (भारतीय) (के.जी.) रू ५८.६७ रू ५८.३३  ०.५८%
गाजर(लोकल) (के.जी.) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
गाजर(तराई) (केजी) रू २२.३३ रू २२.६७  १.५२%
बन्दा(लोकल) (के.जी.) रू १०.०० रू १०.००  ०.००%
बन्दा(नरिवल) (केजी) रू १२.३३ रू १२.३३  ०.००%
काउली स्थानिय (के.जी.) रू २२.३३ रू १७.६७  २०.८७%
स्थानीय काउली(ज्यापु) (केजी) रू १७.६७ रू १७.६७  ०.००%
मूला रातो (के.जी.) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
मूला सेतो(लोकल) (के.जी.) रू १२.३३ रू १२.३३  ०.००%
सेतो मूला(हाइब्रीड) (केजी) रू १७.६७ रू १७.६७  ०.००%
भन्टा लाम्चो (के.जी.) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
भन्टा डल्लो (के.जी.) रू ५५.०० रू ५५.००  ०.००%
मटरकोशा (के.जी.) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
घिउ सिमी(लोकल) (के.जी.) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
घिउ सिमी(हाइब्रीड) (केजी) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
घिउ सिमी(राजमा) (केजी) रू ८५.०० रू ८५.००  ०.००%
टाटे सिमी (के.जी.) रू ७५.०० रू ६५.००  १३.३३%
तितो करेला (के.जी.) रू १२५.०० रू ११५.००  ८.००%
लौका (के.जी.) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
परवर(लोकल) (के.जी.) रू १०८.३३ रू १०५.००  ३.०७%
परवर(तराई) (केजी) रू १७५.०० रू १६५.००  ५.७१%
घिरौला (के.जी.) रू ७५.०० रू ६५.००  १३.३३%
झिगूनी (के.जी.) रू ७५.०० रू ७५.००  ०.००%
फर्सी पाकेको (के.जी.) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
फर्सी हरियो(लाम्चो) (के.जी.) रू १२.३३ रू १२.३३  ०.००%
हरियो फर्सी(डल्लो) (केजी) रू १२.३३ रू १२.३३  ०.००%
भिण्डी (के.जी.) रू १०५.०० रू १०५.००  ०.००%
सखरखण्ड (के.जी.) रू ६५.०० रू ६५.००  ०.००%
बरेला (के.जी.) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
पिंडालू (के.जी.) रू ९५.०० रू ९५.००  ०.००%
स्कूस (के.जी.) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
रायो साग (के.जी.) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
पालूगो साग (के.जी.) रू ५५.०० रू ५५.००  ०.००%
चमसूरको साग (के.जी.) रू ७५.०० रू ७५.००  ०.००%
तोरीको साग (के.जी.) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
मेथीको साग (के.जी.) रू ५५.०० रू ५५.००  ०.००%
प्याज हरियो (के.जी.) रू २५.०० रू २५.००  ०.००%
बकूला (के.जी.) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
तरुल (के.जी.) रू ८५.०० रू ८५.००  ०.००%
च्याउ(कन्य) (के.जी.) रू ११०.०० रू ११०.००  ०.००%
च्याउ(डल्ले) (के जी) रू ३७६.६७ रू ३२६.६७  १३.२७%
राजा च्याउ (के.जी.) रू २९०.०० रू २९०.००  ०.००%
सिताके च्याउ (के.जी.) रू ७५०.०० रू ७५०.००  ०.००%
ब्रोकाउली (के.जी.) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
चुकुन्दर (के.जी.) रू ५५.०० रू ५५.००  ०.००%
सजिवन (के.जी.) रू १६५.०० रू १५५.००  ६.०६%
कोइरालो (के.जी.) रू ३२६.६७ रू ३७६.६७  १५.३१%
रातो बन्दा (के.जी.) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
जिरीको साग (के.जी.) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
सेलरी (के.जी.) रू ११०.०० रू १२६.६७  १५.१५%
पार्सले (के.जी.) रू २७६.६७ रू २७६.६७  ०.००%
सौफको साग (के.जी.) रू ७५.०० रू ७५.००  ०.००%
पुदीना (के.जी.) रू २५०.०० रू २५०.००  ०.००%
गान्टे मूला (के.जी.) रू ५५.०० रू ५५.००  ०.००%
इमली (के.जी.) रू १५५.०० रू १५५.००  ०.००%
तामा (के.जी.) रू ९५.०० रू ९५.००  ०.००%
तोफु (के.जी.) रू ११५.०० रू ११५.००  ०.००%
गुन्दुक (के.जी.) रू ३२६.६७ रू ३२६.६७  ०.००%
रुख टमाटर (केजी) रू १७५.०० रू १७५.००  ०.००%
स्याउ(झोले) (के.जी.) रू २४०.०० रू २४०.००  ०.००%
स्याउ(फूजी) (के जी) रू ३१६.६७ रू ३१६.६७  ०.००%
केरा (दर्जन) रू १४५.०० रू १४५.००  ०.००%
कागती (के.जी.) रू २४५.०० रू २४५.००  ०.००%
अनार (के.जी.) रू ३२६.६७ रू ३२६.६७  ०.००%
अंगुर(हरियो) (के.जी.) रू १९०.०० रू १९०.००  ०.००%
अंगुर(कालो) (केजी) रू २४०.०० रू २४०.००  ०.००%
सुन्तला(भारतीय) (केजी) रू ११७.६७ रू ११७.३३  ०.२९%
मौसम (के.जी.) रू १९०.०० रू १९०.००  ०.००%
जुनार (के.जी.) रू १४५.०० रू १४५.००  ०.००%
काक्रो(लोकल) (के.जी.) रू ५५.०० रू ५५.००  ०.००%
काक्रो(हाइब्रीड) (के जी) रू ३५.०० रू ३५.००  ०.००%
रुख कटहर (के.जी.) रू १२५.०० रू १२५.००  ०.००%
निबुवा (के.जी.) रू ६५.०० रू ६५.००  ०.००%
नासपाती(चाइनिज) (केजी) रू २४५.०० रू २४५.००  ०.००%
मेवा(नेपाली) (के.जी.) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
मेवा(भारतीय) (केजी) रू १०५.०० रू १०५.००  ०.००%
लप्सी (के.जी.) रू ९०.०० रू ९०.००  ०.००%
खरबुजा (के.जी.) रू ४२.६७ रू ४२.३३  ०.८०%
किवि (केजी) रू ३७६.६७ रू ३७६.६७  ०.००%
अमला (के.जी) रू ११५.०० रू ११५.००  ०.००%
अदुवा (के.जी.) रू ९०.०० रू ९०.००  ०.००%
खु्र्सानी सुकेको (के.जी.) रू ३११.६७ रू ३११.६७  ०.००%
खु्र्सानी हरियो (के.जी.) रू ७५.०० रू १०५.००  ४०.००%
खुर्सानी हरियो(बुलेट) (के जी) रू ९५.०० रू १०५.००  १०.५३%
भेडे खु्र्सानी (के.जी.) रू ९५.०० रू ८५.००  १०.५३%
लसुन हरियो (के.जी.) रू ४५.०० रू ४५.००  ०.००%
हरियो धनिया (के.जी.) रू २५.०० रू २५.००  ०.००%
लसुन सुकेको चाइनिज (के.जी.) रू २७०.०० रू २७०.००  ०.००%
लसुन सुकेको नेपाली (के.जी.) रू २२५.०० रू २२५.००  ०.००%
छ्यापी सुकेको (के.जी.) रू १५०.०० रू १५०.००  ०.००%
छ्यापी हरियो (के.जी.) रू ६५.०० रू ६५.००  ०.००%
ताजा माछा(रहु) (के जी) रू ३१०.०० रू ३१०.००  ०.००%
ताजा माछा(बचुवा) (के जी) रू २५०.०० रू २५०.००  ०.००%
ताजा माछा(छडी) (के जी) रू २३०.०० रू २३०.००  ०.००%





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बिहीबार यस्तो छ विदेशी मुद्राको विनिमयदर… (विवरणसहित)


काठमाडौँ । नेपाल राष्ट्र बैङ्कले आजका लागि विदेशी मुद्राको विनिमयदर निर्धारण गरेको छ । राष्ट्र बैङ्कका अनुसार आज अमेरिकी डलर एकको खरिददर १३९ रूपैयाँ २४ पैसा र बिक्रीदर १३९ रूपैयाँ ८४ पैसा कायम भएको छ ।

युरोपियन युरो एकको खरिददर १५१ रूपैयाँ ९४ पैसा र बिक्रीदर १५२ रूपैयाँ ५९ पैसा, युके पाउन्ड स्टर्लिङ एकको खरिददर १८० रूपैयाँ ४१ पैसा र बिक्रीदर १८१ रूपैयाँ १९ पैसा, स्विस फ्र्याङ्क एकको खरिददर १५७ रूपैयाँ ८५ पैसा र बिक्रीदर १५८ रूपैयाँ ५३ पैसा कायम गरिएको छ ।

अष्ट्रेलियन डलर एकको खरिददर ८७ रूपैयाँ ५९ पैसा र बिक्रीदर ८७ रूपैयाँ ९७ पैसा, क्यानेडियन डलर एकको खरिददर ९६ रूपैयाँ ६२ पैसा र बिक्रीदर ९७ रूपैयाँ ०३ पैसा, सिङ्गापुर डलर एकको खरिददर १०४ रूपैयाँ ४४ पैसा र बिक्रीदर १०४ रूपैयाँ ८९ पैसा निर्धारण गरिएको छ ।

यस्तै, जापानी येन १० को खरिददर नौ रूपैयाँ ३७ पैसा र बिक्रीदर नौ रूपैयाँ ४१ पैसा, चिनियाँ युआन एकको खरिददर १९ रूपैयाँ २३ पैसा र बिक्रीदर १९ रूपैयाँ ३१ पैसा, साउदी अरेबियन रियाल एकको खरिददर ३७ रूपैयाँ १३ पैसा र बिक्रीदर ३७ रूपैयाँ २९ पैसा, कतारी रियाल एकको खरिददर ३८ रूपैयाँ २० पैसा र बिक्रीदर ३८ रूपैयाँ ३७ पैसा कायम भएको छ ।

केन्द्रीय बैङ्कका अनुसार थाई भाट एकको खरिददर चार रूपैयाँ ११ पैसा र बिक्रीदर चार रूपैयाँ १३ पैसा, युएई दिराम एकको खरिददर ३७ रूपैयाँ ९१ पैसा र बिक्रीदर ३८ रूपैयाँ ०८ पैसा, मलेसियन रिङ्गेट एकको खरिददर ३१ रूपैयाँ ४३ पैसा र बिक्रीदर ३१ रूपैयाँ ५६ पैसा, साउथ कोरियन वन १०० को खरिददर नौ रूपैयाँ ५९ पैसा र बिक्रीदर नौ रूपैयाँ ६३ पैसा, स्विडिस क्रोनर एकको खरिददर १३ रूपैयाँ ८२ पैसा र बिक्रीदर १३ रूपैयाँ ८८ पैसा र डेनिस क्रोनर एकको खरिददर २० रूपैयाँ ३७ पैसा र बिक्रीदर २० रूपैयाँ ४६ पैसा तोकिएको छ ।

राष्ट्र बैङ्कले हङकङ डलर एकको खरिददर १७ रूपैयाँ ९२ पैसा र बिक्रीदर १८ रूपैयाँ, कुवेती दिनार एकको खरिददर ४५१ रूपैयाँ ८० पैसा र बिक्रीदर ४५३ रूपैयाँ ५० पैसा, बहराइन दिनार एकको खरिददर ३६९ रूपैयाँ ३६ पैसा र बिक्रीदर ३७० रूपैयाँ ९५ पैसा, ओमनी रियाल एकको खरिददर ३६१ रूपैयाँ ६७ पैसा र बिक्रीदर ३६३ रूपैयाँ २३ पैसा रहेको छ । भारतीय रूपैयाँ १०० को खरिददर १६० रूपैयाँ र बिक्रीदर १६० रूपैयाँ १५ पैसा तोकेको छ ।

विदेशी मुद्राको विनिमय दर सम्बन्धी दैनिक विवरण अर्थ सरोकार डटकममा अटो अपडेट हुन्छ । हरेक दिन अपडेट भएको विनिमय दर सम्बन्धी विवरण अर्थ सरोकार विनिमय दर पेजमा हेर्न सकिन्छ ।



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Hornsea man, 91, lost life savings in rogue roofer scam


BBC

Allan says he paid £31,680 for work on a roof he claims he didn’t ask for

A 91-year-old man says he lost his life savings to rogue traders who came to repair a few loose tiles but ended up replacing the whole roof.

Allan, from Hornsea, East Yorkshire, said he was visited by builders after Storm Darragh last December, believing they would fix some minor damage.

Instead, he claims they put up scaffolding, replaced all of his tiles and gave him a bill for £31,680.

Humberside Police is investigating.

Allan said a passing window cleaner told him he had a loose slate in the days after Storm Darragh swept across East Yorkshire and Lincolnshire.

On Sunday 15 December, builders arrived and started putting up scaffolding.

Allan said he cannot remember whether he asked them to come, or whether it was a cold call.

“A ladder appeared, three people appeared and started stripping the roof, so I thought well they know what they are doing, and bit by bit all the slates disappeared,” he said.

“They were put on the back of a wagon, and then they drove away with them and came back and started putting new slabs on the roof, just like that.”

Allan said he was confused by the size of the job the roofers were doing, and that he had not asked for it.

“It was so overwhelming,” he explained. “Once it started there wasn’t anything I could do about it.”

The bill Allan had to pay took most of his life savings

Allan claimed no price for the work was mentioned, but once it was finished he was presented with a bill for £31,680.

“I think he knew how much money I had because I had a bank statement in there [the next room],” Allan said.

“It was all the money I had.”

Allan said the roofers told him that if he paid them upfront, he would be able to claim the work on insurance, but when he contacted his insurers NatWest Home Insurance, they said they could not cover the cost for remedial work that they had not signed off in advance.

A spokesperson for NatWest encouraged customers to contact them before agreeing for any repair work to be done, “so we can advise on their claim and validate any work that needs to be carried out”.

They added that they would be providing Allan with “ongoing additional support” after the scam.

‘It’s killing people’

The BBC has seen the quote and invoice, both dated 18 December, which Allan paid in full by cheque.

Dr Tim Day, the Chartered Trading Standards Institute (CTSI) lead officer for doorstep crime, scams and consumer vulnerability, said this type of scam represents 95% of his caseload – and often the mental toll on victims is far greater than the financial one.

He said that research by the Home Office in 2003 suggested older victims of rogue trader crime were two-and-a-half times more likely to have died or gone into residential care in the two years following an incident than those who had not been victimised.

“It is, unfortunately, robbing people of their independence and it’s no exaggeration to say, quite literally, it’s killing people,” he said.

He added that the market was “flooded” with rogue traders like the ones who targeted Allan.

Fraud is the most common crime type in the UK, amounting to around 40% of all crime in England and Wales, according to the government.

Dr Day said the government should bring in a compulsory national licensing scheme to make traders more accountable.

“Currently, you’ve got a situation where anyone can set themselves up, you don’t need any experience, or knowledge, or training, and they don’t need to be legitimate in any way.

“The trade that they represent, as is often the case at the moment, can purely be a means by which they perpetrate fraud.”

Dr Tim Day, from the Chartered Trading Standards Institute, says he deals with scams like this every day

A spokesperson for the Department for Business and Trade said there was “no clear evidence that a licensing scheme would improve standards”.

They said the department supports the TrustMark scheme for helping people to find competent traders, and that local authorities would have new powers from April to allow for tougher fines against businesses that rip off customers.

Allan said he had accepted that he had lost his money, but when his family tried to call the roofers to try to get the scaffolding down, they did not respond.

The scaffolding was left on his property for more than two months before another builder offered to take it away for him.

Allan’s close friend, Fred Bree, said the extent to which he had been taken advantage of “beggars belief”.

“Allan is a very proud and independent man, he doesn’t seek help – but he’s vulnerable,” Mr Bree added.

Seeing similar scams

The local Trading Standards team at East Riding of Yorkshire Council said it saw similar scams “day in day out”.

The details for the firm on Allan’s invoice appear to match up with a company that was dissolved in 2022, according to Companies House.

The BBC has decided not to name the company for Allan’s safety.

Humberside Police said it was investigating a number of lines of inquiry.

Det Insp Mark Hawley added: “Those who choose to defraud and carry out such unscrupulous crimes against elderly and vulnerable people are a disgrace to our society.

“I would always encourage anyone who is suspicious that they, or someone they know, may be a victim of fraud to talk to someone about it. If it seems too good to be true, or you feel under pressure to make a quick decision, then that is a potential red flag that something isn’t right.”

Details of support with fraud are available at BBC Action Line.



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“मेरा मानना ​​है कि लैंडो नॉरिस तैयार है”: मैकलारेन ड्राइवर के विश्व चैंपियन बनने की संभावना पर मिका हकीकिन |


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सभी बाधाओं को इस साल मैकलेरन के पक्ष में प्रतीत होता है, जिसमें कई फॉर्मूला 1 व्यक्तित्व टीम को आगामी सीज़न में हावी होने के लिए पसंदीदा के रूप में नामित करते हैं। अब पूर्व मैकलेरन ड्राइवर मीका हककिनन वर्तमान टीम ड्राइवर ने कहा है लैंडो नॉरिस क्या यह अगले विश्व चैंपियन बनने के लिए है। उन्होंने पिछले साल रेड बुल चैंपियन मैक्स वेरस्टापेन को एक कठिन लड़ाई दी थी और ऐसा लगता है कि वह अंततः उनसे ताज लेंगे। लैंडो नॉरिस और ऑस्कर पियास्ट्री ऑस्ट्रेलियाई ग्रां प्री के साथ शुरू होने वाले एफ 1 2025 सीज़न में प्रतिस्पर्धा करने वाले दो मैकलेरन ड्राइवर हैं।
लैंडो नॉरिस के प्रदर्शन पर मीका हकीकिन
हकीकिन ने अपना उदाहरण दिया और नॉरिस के साथ खुद की तुलना करने के लिए चला गया, जो अपनी पिछली गलतियों से सीखने के समान मार्ग का अनुसरण कर रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या नॉरिस अगले एफ 1 विश्व चैंपियन बन सकते हैं, हकीकिन ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया: “बिल्कुल, हाँ। क्यों? क्योंकि मैंने सफलता के बिना कई वर्षों की रेसिंग का अनुभव किया, लेकिन यह एक अच्छा रेसिंग ड्राइवर बनने के लिए मेरे विकास का हिस्सा था। आपको अपने बारे में अपनी आलोचना को बनाए रखना होगा। इस तरह आप विकसित और धक्का देते रहते हैं। इसका मतलब है कि आप जोखिम उठा रहे हैं। ”
फॉर्मूला 1 में नॉरिस के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, हकीकिन ने कहा, “लैंडो ने अपने करियर में इन सभी तत्वों का अनुभव किया। वह जोखिम उठा रहा है। वह खुद के लिए आलोचक है। वह फ्लैट बाहर धकेल रहा है। जब आप विश्व चैंपियन नहीं होते हैं, जब आप उस लक्ष्य की ओर काम कर रहे होते हैं, तो इसके लिए बहुत सारी गलतियों और तनाव की आवश्यकता होती है। मेरा मानना ​​है कि लैंडो तैयार है। वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तैयार है। ”
मैकलेरन अपने सुपरकार MCL39 के साथ मजबूत हो रहा है जो वेरस्टैपेन के रेड बुल से बेहतर निकला। यह ध्यान दिया जाना है, नॉरिस ने स्वीकार किया था कि वह पिछले सीज़न में उसी का फायदा नहीं उठा सकता है।
यह भी पढ़ें: “मुझे लगता है कि मैकलेरन पसंदीदा है”: चार बार के विश्व चैंपियन मैक्स वेरस्टापेन को नहीं लगता कि रेड बुल ऑस्ट्रेलियन जीपी जीत सकता है
पिछले महीने बहरीन में तीन दिवसीय परीक्षण सत्र के बाद, लुईस हैमिल्टन ने कहा था, “मैकलेरन ने बहुत अच्छा रन बनाया।” वेरस्टैपेन ने 2025 सीज़न के लिए मैकलेरन को सबसे मजबूत के रूप में भी नामित किया है। उन्होंने कहा, “यदि आप गोद के समय को देखते हैं, तो मुझे लगता है कि मैकलेरन पसंदीदा है।” उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि रेड बुल ऑस्ट्रेलियाई ग्रां प्री में जीत दर्ज कर सकता है। हाल ही में, पूर्व एफ 1
स्टार गुएंथर स्टीनर ने इसके बजाय पियास्ट्री को अपना वोट दिया, यह कहते हुए, “उनके पास सबसे अच्छी कार है।”





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‘आर्थिक तथा वातावरण सुधारसम्बन्धी विधेयकले मुलुकलाई समृद्धितर्फ अगाडि बढाउँछ’


उपप्रधानमन्त्री तथा अर्थमन्त्री विष्णु पौडेलले आर्थिक तथा व्यवसायिक वातावरण सुधार गरी लगानी अभिवृद्धि गर्ने उद्देश्यले केही नेपाली ऐनमा संशोधन गर्ने विधेयक ल्याएको दाबी गरेका छन्।

प्रतिनिधिसभाको बुधबारको बैठकमा उक्त विधेयक प्रस्तुत गर्न अनुमति माग्ने प्रस्तावमा सांसदहरुको विरोधको सुचना राखिएपछि मन्त्री पौडेलले यस्तो दाबी गरेका हुन्।

मन्त्री पौडेलले यस विधेयकले मुलुकमा लगानीको अनुकूल वातावरण सिर्जना गरी लगानी अभिवृद्धिमा टेवा पुग्ने विश्वास व्यक्त गरेका छन्। उनले लामो समयदेखि निजी क्षेत्रले व्यवसायिक वातावरण निर्माण नभएको गुनासो गरेको कारण अध्यादेश मार्फत यो विधेयक ल्याउनु परेको बताए।

मन्त्री पौडेलले भने, “यस विधेयकले आर्थिक तथा लगानीको वातावरण सुधार गर्नेछ। यसले लगानी अभिवृद्धिका लागि अनुकूल वातावरण निर्माण गर्नेछ। विधेयकको सन्दर्भमा सार्वजनिक भइरहेका प्रतिक्रियाले नै यो कुरा बोलेको छ। त्यसैले आरोपबाट निष्कन्ट पनि म आग्रह गर्न चाहन्छु। यो विधेयक व्यवसायिक वातावरण निर्माणका लागि ल्याइएको हो। लगानीमा संकुचनको स्थिति देखा परेको छ। व्यवसायिक वातावरण निर्माण नभएको भन्दै निजी क्षेत्रले समस्याहरु उठाएका थिए। यसले समस्या समाधान गर्नेछ।”

मन्त्री पौडेलको भनाइ अनुसार यस विधेयकले मुलुकलाई समृद्धितर्फ अगाडि बढाउनेछ। सरकारले आर्थिक तथा व्यवसायिक वातावरण सुधार गरी लगानी बढाउने प्रतिबद्धता जनाएको छ।

प्रकाशित: २८ फाल्गुन २०८१ १६:२७ बुधबार





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गलत रकम लेखिएकै आधारमा चेक अनादरको मुद्दा दर्ता हुँदैनः श्रेष्ठ


काठमाडौँ । नेकपा (माओवादी केन्द्र) का उपाध्यक्ष नारायणकाजी श्रेष्ठले चेकमा गलत रकम लेखेकै आधारमा चेक अनादरको मुद्दा दर्ता नहुने बताएका छन् । बुधवार राष्ट्रिय सभा अन्तर्गतको विधायन व्यवस्थापन समितिको बैठकलाई सम्बोधन गर्दै उनले यस्तो बताएका हुन् ।

उनले चेकमा गलत रकम लेखिएको छ भने सच्याउनका लागि समय तोकिने बताएका छन् । गल्ती भएका चेक ३० दिनभित्र सच्याउनुपर्ने कानूनी व्यवस्था रहेको उनको भनाई छ । 

‘चेकमा गलत अमाउण्ट लेखेकै कारणले चेक अनादरमा पर्दैन । चेक अनादर दर्ता हुनलाई ३० दिनको जो समय छ त्यो कुराले काउन्ट गर्छ ।’, उनले भने, ‘त्यसकारण गल्ती छ भने त्यो समयमा सच्चिहाल्छ ।’

त्यस्तै, उपाध्यक्ष श्रेष्ठले चेक अनादरमा जरिवाना गर्ने/नगर्ने लगायतका विषयमा कानूनी व्यवस्था भइसकेको पनि बताएका छन् ।



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